इस ब्लॉग को लिखने का मेरा एकमात्र मकसद आप लोगों को मेरी रचऩाओ से प्रभावित कर कुछ समझाना है, चूंकि और कोई अच्छा गुण हमारे में नहीं है जिसको हम समाज में सरेआम उजागर कर सकें, इससे इक संदेश मिला करेगा सभी को पर इस बात का हमें बहुत खेद है कि हमें कोई ग़ज़ल लिखनी नहीं आती, इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार अविनाश यादव के पास सुरक्षित हैं। अविनाश यादव की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
Dec 15, 2013
Tu hi hy Tu hi hy orr Tu hi hy
Meri nazar mei tu hi hy,
Meri guzar mei tu hi hy,
Gazab ka yeh maahol hua hy,
saayad Meri rehguzar b tu hi hy,
Meri nazar mei tu hi hy,
Dhadkano k dhadkan mei tu hi hy,
Nazar k nazaro mei buss tu hi hy,
buss Ojhal naa hona tum kisi khwaab ki tarah kyoki aise khawabo ki zindgaani tu hi tu hi hy tu hi hy...
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