इस ब्लॉग को लिखने का मेरा एकमात्र मकसद आप लोगों को मेरी रचऩाओ से प्रभावित कर कुछ समझाना है, चूंकि और कोई अच्छा गुण हमारे में नहीं है जिसको हम समाज में सरेआम उजागर कर सकें, इससे इक संदेश मिला करेगा सभी को पर इस बात का हमें बहुत खेद है कि हमें कोई ग़ज़ल लिखनी नहीं आती, इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार अविनाश यादव के पास सुरक्षित हैं। अविनाश यादव की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
Dec 1, 2013
Har Roz-Har Waqt Meri Hi Gali Mei
Jaha b woh jaati hy,
Keher hi keher dhaati hy,
Koi kuch b kehta rahe ushe,
Par woh hirni si balkhaati hy,
Nazar mei toh rehti hy par apne
Diwano se aisi ankhaee baatein kehti hy,
Jo unke hosh udda de-madhmast bana de-angg laga de-dil k teer chala de ki pucho matt buss har koi kahe RABBA MAI TOH MAR GAYA..
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