इस ब्लॉग को लिखने का मेरा एकमात्र मकसद आप लोगों को मेरी रचऩाओ से प्रभावित कर कुछ समझाना है, चूंकि और कोई अच्छा गुण हमारे में नहीं है जिसको हम समाज में सरेआम उजागर कर सकें, इससे इक संदेश मिला करेगा सभी को पर इस बात का हमें बहुत खेद है कि हमें कोई ग़ज़ल लिखनी नहीं आती, इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार अविनाश यादव के पास सुरक्षित हैं। अविनाश यादव की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
Dec 4, 2013
Kuch hoga bhi yaa aise hi hai
Alag rehna aadat mei hy humari,
Jyada kuch kehna fitrat mei hy humari,
Rone matt lagna meri kisi ek baat se tum,
coz Rutho ko aur b jyada satana hasrat mei hy humari,
Alag rehna aadat mei hy humari,
Jyada kuch kehna fitrat mei hy humari,
Sabak sikhakar-kitaab padhakar kya faayda,
Jab kuch hona hi nahi hy.....
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