इस ब्लॉग को लिखने का मेरा एकमात्र मकसद आप लोगों को मेरी रचऩाओ से प्रभावित कर कुछ समझाना है, चूंकि और कोई अच्छा गुण हमारे में नहीं है जिसको हम समाज में सरेआम उजागर कर सकें, इससे इक संदेश मिला करेगा सभी को पर इस बात का हमें बहुत खेद है कि हमें कोई ग़ज़ल लिखनी नहीं आती, इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार अविनाश यादव के पास सुरक्षित हैं। अविनाश यादव की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
Oct 3, 2013
Mujhe Pata Hy Fir B Galtiya Dohraata Hun
Mujhe kya mila hy mujhe pata hy,
Mujhse kya khoya hy mujhe pata hy,
Mujhe kya sikhna-sikhana hy mujhe pata hy,
Mujhse kya ummide hy mujhe pata hy,
Mujhe pata hy.
Mujhe kya gungunana hy mujhe pata hy,
Mujhse kya dushmani hy mujhe pata hy,
Mujhe kya padhna-likhna hy mujhe pata hy,
Mujhe pata hy...pata hy...
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