इस ब्लॉग को लिखने का मेरा एकमात्र मकसद आप लोगों को मेरी रचऩाओ से प्रभावित कर कुछ समझाना है, चूंकि और कोई अच्छा गुण हमारे में नहीं है जिसको हम समाज में सरेआम उजागर कर सकें, इससे इक संदेश मिला करेगा सभी को पर इस बात का हमें बहुत खेद है कि हमें कोई ग़ज़ल लिखनी नहीं आती, इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार अविनाश यादव के पास सुरक्षित हैं। अविनाश यादव की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
Oct 2, 2013
Hum Sahi Hai Yaa Fir GaLaT
Hum khud se paresaan kyo hy,
Hum dusro se hairaan kyo hy,
Hum khud se naadan kyo hy,
Hum dusro se saitaan kyo hy,
Hum khud se meharbaan kyo hy,
Hum dusro se kadardaan kyo hy,
Hum khud se gumnaam kyo hy,
Hum dusro se beimaan kyo hy,
Hum khud se talabdaar kyo hy,
Hum dusro se wazandaar kyo hy
Why not SIMPLE
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