इस ब्लॉग को लिखने का मेरा एकमात्र मकसद आप लोगों को मेरी रचऩाओ से प्रभावित कर कुछ समझाना है, चूंकि और कोई अच्छा गुण हमारे में नहीं है जिसको हम समाज में सरेआम उजागर कर सकें, इससे इक संदेश मिला करेगा सभी को पर इस बात का हमें बहुत खेद है कि हमें कोई ग़ज़ल लिखनी नहीं आती, इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार अविनाश यादव के पास सुरक्षित हैं। अविनाश यादव की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
Oct 27, 2013
Kal ko Mai RAHU naa Rahu
Kal ki u beeti aapki mulaakat yaad hy,
Kal ki di hui u aapki saugaat yaad hy,
Kal ki guzri kahani sabke lia u mujhe kuch aise yaad hy, jaise
Kal ko zindagani agar naa rahe meri u aapke saath toh yeh sabdo ki jubaani sirf orr sirf aapke haanth hy,
Kal ki baato ka asar aisa hua ki mere sabd SABD k paas hy..
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