Teri ummid aur mera intezaar rahega Hee,
Teri nazar aur mera pyar rahega Hee,
Koi maane yaa naa maane apne ishq-ae-junnon ko,
Teri chahat aur mera ikraar ae ishq rahega Hee,
Yeh tujhe bhi pata hai achhi tarah se,
Ki koi rahe naa rahe saath apne par apna sansaar basegaa Hee,
Teri ummid aur mera intezaar rahega Hee.....!!
इस ब्लॉग को लिखने का मेरा एकमात्र मकसद आप लोगों को मेरी रचऩाओ से प्रभावित कर कुछ समझाना है, चूंकि और कोई अच्छा गुण हमारे में नहीं है जिसको हम समाज में सरेआम उजागर कर सकें, इससे इक संदेश मिला करेगा सभी को पर इस बात का हमें बहुत खेद है कि हमें कोई ग़ज़ल लिखनी नहीं आती, इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार अविनाश यादव के पास सुरक्षित हैं। अविनाश यादव की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
Apr 9, 2014
Tum Aur Mai Rahenge Hee
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