इस ब्लॉग को लिखने का मेरा एकमात्र मकसद आप लोगों को मेरी रचऩाओ से प्रभावित कर कुछ समझाना है, चूंकि और कोई अच्छा गुण हमारे में नहीं है जिसको हम समाज में सरेआम उजागर कर सकें, इससे इक संदेश मिला करेगा सभी को पर इस बात का हमें बहुत खेद है कि हमें कोई ग़ज़ल लिखनी नहीं आती, इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार अविनाश यादव के पास सुरक्षित हैं। अविनाश यादव की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
Jan 9, 2014
Kabhi KABHI Toh Aati Hai
Kabi-kabi toh baat ki baat hoti hy,
Kabi-kabi toh woh mere saath hoti hy,
Sochta hu dur naa jaaye wo mujhe u tanha kar KAR buss itne mei duri badhane wali kaali-kaali si bhayanak raat hoti hy,
Kabi-kabi toh baat ki baat hoti hy,
Tanha ho dil yaa fir moody ho wo toh hamesa sanam ko pukarta hy pukarta hy...
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