इस ब्लॉग को लिखने का मेरा एकमात्र मकसद आप लोगों को मेरी रचऩाओ से प्रभावित कर कुछ समझाना है, चूंकि और कोई अच्छा गुण हमारे में नहीं है जिसको हम समाज में सरेआम उजागर कर सकें, इससे इक संदेश मिला करेगा सभी को पर इस बात का हमें बहुत खेद है कि हमें कोई ग़ज़ल लिखनी नहीं आती, इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार अविनाश यादव के पास सुरक्षित हैं। अविनाश यादव की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
Jul 14, 2013
Safar hi aisa hy koi kya karei
Kisi ki yaado mei zindgi guzar jaati hy,
Toh
Kisi ko yaad karke zindgi bikhar jaati hy,
Kabi-kabi aisa b hota hy ki kia kuch b nai ish zindgi mei orr zindgi sirf ek hasin khwab reh jaati hy.
Kehne ko toh u sabi zindgi ko samajhte hy woh b kab jab khud pe aati hy tabb magar ish chakkar mei wHy pehle WTF...
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