इस ब्लॉग को लिखने का मेरा एकमात्र मकसद आप लोगों को मेरी रचऩाओ से प्रभावित कर कुछ समझाना है, चूंकि और कोई अच्छा गुण हमारे में नहीं है जिसको हम समाज में सरेआम उजागर कर सकें, इससे इक संदेश मिला करेगा सभी को पर इस बात का हमें बहुत खेद है कि हमें कोई ग़ज़ल लिखनी नहीं आती, इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार अविनाश यादव के पास सुरक्षित हैं। अविनाश यादव की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
Jul 31, 2013
Ek Limit Tak Thhik Hy ''LIFE''
Ab mujhse intezaar nai hota,
Ab mujhse aitbaar nai hota,
Ae zindagi ab tu hi bata de mere sabrr ki sima ko ki
mujhe tere iraado pe talabdaar KYO nai hota..?
Saayad kuch hy yaa fir thodi-bahut SACHAAI hy meri bachi-kuchi zindagi ki baato ka mujhse yeh pata toh nai hy magar ek ehsaas saa hy KYO pata nahi..?
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